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तू गड़रिया मैं भेढ़

  • Writer: Anhad Kashyap
    Anhad Kashyap
  • Apr 3, 2020
  • 1 min read

Updated: Feb 24, 2021


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The Good Shepherd is a painting by Greg Olsen

तू गड़रिया मैं भे पार लगा महासुन्न घेरा तू गड़रिया मैं भे तू मुझ पर लाठी चला किर किर कर मुझे भगा मैं भगूं घंटी बजे शंख बजे मिरदंग बजे दूर कर अंधियार कर दे सभ उजियार तू गड़रिया मैं भे पार लगा महासुन्न घेरा तू गड़रिया मैं भे मेरे लाखों सूरज लाखों चाँद खो गए महासुन्न ख़ान मुझ में काफी दोष हैं मुझ को उनका होश है गुरु मैं तेरी सरन आन लेले तू चाहे मेरी जान कैद खाना खोल दे कितने योजन बोल दे भेड़ हूँ मैं मैं करूँ बाकी भेड़ों से जा भिडून हाथ पेअर छिल गए होश मेरे संभल गए गड़रिये के नज़रिये से मैं शायद नादान हूँ गुरु मैं तेरी सरन आन लेले तू चाहे मेरी जान कैद खाना खोल दे कितने योजन बोल दे


तू गड़रिया मैं भेड़

पार लगा महासुन्न घेरा

तू गड़रिया मैं भेड़ मुझ को यूँ तरकीब से दूर किया तक़दीर से राधास्वामी भेद बता दिया साधु मुझमें जगा दिया चाक़ू जैसे मन को मेरे फूल जैसा खिला दिया गुरु मैं तेरी सरन आन लेले तू चाहे मेरी जान कैद खाना खोल दे कितने योजन बोल दे तू गड़रिया मैं भे पार लगा महासुन्न घेरा तू गड़रिया मैं तेरी भे

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