भटका मैं भटका भटका करम भरम का मटका मैं मटका ढूंढा मैंने न्याय और कानून कानून में भटका मैं भटका कौटिल्या पढ़ भटका भटका तर्क कुतर्क में भटका भटका धीरे धीरे बन गया ग्यानी ग्यानी बन मैं भटका भटका ज्ञान विज्ञानं में भटका भटका वेद पुराण में भटका भटका ग्यानी जा फिर बन गया प्रेमी प्रेमी बन मैं भटका भटका प्रेमी को मिल गए सतगुरु प्रेमी होगया घट का घट का फिर मेरा काल से नाता टूटा अब मैं कौन सा अटका भटका पहले था भटका भटका अब मैं राधास्वामी चरनन अटका
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अनहद नाद
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